Wednesday, May 29, 2019

जेफ बेजोस की पूर्व पत्नी मैकेंजी 1.29 लाख करोड़ रु. दान में देंगी, यह उनकी आधी संपत्ति के बराबर

वॉशिंगटन. जेफ बेजोस की पूर्व पत्नी मैकेंजी ने अपनी आधी संपत्ति यानी 18.45 अरब डॉलर (1.29 लाख करोड़ रुपए) दान करने का ऐलान किया है। उनकी मौजूदा नेटवर्थ 36.9 अरब डॉलर (2.58 लाख करोड़ रुपए) है। मैकेंजी के पास अमेजन के जो शेयर हैं उनकी इतनी वैल्यू है। अमेजन के सीईओ और दुनिया के सबसे बड़े अमीर जेफ बेजोस से पिछले महीने तलाक के बाद मैकेंजी के हिस्से में अमेजन के 4% शेयर आए थे और वो दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला बन गई थीं।

गिविंग प्लेज मुहिम से प्रेरित होकर मैकेंजी ने आधी संपत्ति दान का फैसला किया है। यह मुहिम वॉरेन बफे, बिल गेस्ट और मिलिंडा गेट्स ने 2010 में शुरू की थी। इसके जरिए दुनिया के अमीरों को परोपकार के कामों में दान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

अब तक 204 व्यक्ति और परिवार गिविंग प्लेज मुहिम से जुड़ चुके हैं। मंगलवार को मैकेंजी समेत 19 लोग जुड़े। इनमें वॉट्सऐप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन और पिंटरेस्ट के को-फाउंडर पॉल सिआरा भी शामिल हैं।

मैकेंजी ने कहा है कि परोपकार के प्रति मेरा नजरिया हमेशा विचारशील रहेगा। मैं इसके लिए वक्त दूंगी, प्रयास और परवाह करती रहूंगी लेकिन इंतजार नहीं करूंगी। मैकेंजी के फैसले की जेफ बेजोस ने तारीफ की है।

वॉरेन बफे ने इस मौके पर कहा है दुनिया की बेहतरी के लिए शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीके से काम करने वाले लाखों लोगों से जो प्रेरणा हम लेते हैं, गिविंग प्लेज ग्रुप की उदारता उसी की झलक है।

मैकेंजी के पूर्व पति जेफ बेजोस दुनिया के सबसे बड़े अमीर हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जेफ बेजोस की नेटवर्थ 115 अरब डॉलर (8 लाख करोड़ रुपए) है। इंडेक्स में मैकेंजी का 22वां नंबर है।

इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजद ने 112 सीट, भाजपा ने 23, कांग्रेस ने 9, निर्दलीय और माकपा ने एक-एक सीट हासिल की थी। एक दिन पहले ही पटनायक ने पुरी में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन किए। उनके नए मंत्रिमंडल में 21 मंत्री शामिल हैं। ओडिशा में 2000 से नवीन पटनायक की सरकार है। यह पहली बार है जब पटनायक ने खुले मैदान में शपथ ली है। इससे पहले 2000, 2004, 2009 और 2014 में उन्होंने राजभवन में शपथ ली थी।

पीएम मोदी ने पटनायक को बधाई दी

सूत्र के मुताबिक, पटनायक ने शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्यौता भेजा था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो पाएं। मोदी ने पटनायक को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए उन्हें और उनकी पूरी टीम को शुभकामनाएं। ओडिशा के विकास के लिए केंद्र हमेशा पूर्ण सहयोग करेगा।

इस बार टूर्नामेंट का फॉर्मेट राउंड रॉबिन और नॉकआउट है। वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में दूसरी बार इस फॉर्मेट में टूर्नामेंट खेला जाएगा। इससे पहले 1992 में हुआ वर्ल्ड कप राउंड रॉबिन फॉर्मेट में खेला गया था।

सूत्रों के मुताबिक, नए मंत्रिमंडल में कई दिग्गज और मौजूदा मंत्रियों को दोबारा मौका न देकर नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। हालांकि, लोजपा से रामविलास पासवान और भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता मंत्री बने रह सकते हैं। सहयोगी दलों में शिवसेना और जेडीयू के दो-दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री दर्जा होने की संभावना है।

Thursday, May 16, 2019

"Прорыва не чувствуется": как госсекретарь США встретился с Путиным

В Сочи прошли переговоры госсекретаря США Майка Помпео с президентом России Владимиром Путиным. В Кремле увидели деловой настрой Америки и приветствовали желание президента США Дональда Трампа встретиться с Путиным, но прорыва в отношениях стран не почувствовали. Ни Украину, ни права человека в России, ни дело Майкла Калви Помпео с Путиным не обсудили.

Помпео завершил свой первый рабочий визит в Россию, он продлился меньше суток. Глава американского внешнеполитического ведомства провел трехчасовые переговоры с министром иностранных дел России Сергеем Лавровым, затем его принял президент Путин, их встреча продолжалась полтора часа.

"Сегодняшние встречи стали позитивным шагом вперед. США и Россия в прошлом демонстрировали, что могут взаимодействовать по ключевым международным вопросам. Мы призываем Россию работать с нами, чтобы изменить траекторию отношений на благо обеих наций", - написал в "Твиттере" Помпео.

В переговорах также участвовали Лавров, глава Службы внешней разведки Сергей Нарышкин и помощник президента Юрий Ушаков. С американской стороны присутствовали посол США в России Джон Хантсман, спецпредставитель США по сирийскому урегулированию Джеймс Джеффри и исполняющий обязанности заместителя госсекретаря Филип Рикер.

Перед началом переговоров Путин рассказал о недавнем телефонном разговоре с Трампом. По словам российского президента, у него сложилось впечатление, что президент США настроен на восстановление российско-американских связей и контактов.

В свою очередь Помпео сказал, что Россия и США могут сотрудничать в области поддержания стратегической стабильности и в вопросах, связанных с КНДР.

"Прорыва пока, конечно, не чувствуется, но деловой настрой проявился с американской стороны", - заявил помощник президента Ушаков журналистам после встречи.

Путин и Помпео перед прессой по окончанию переговоров не выступали.

О чем поговорили
По словам Ушакова, президент и глава госдепартамента "в общем плане" обсудили возможную встречу лидеров США и России на саммите "Большой двадцатки" в Японии​​​. О желании провести такую встречу накануне объявил президент Трамп.

"Мы сказали, что мы как всегда открыты к такого рода контактам и будем сейчас ожидать от американцев конкретизации предложения, которое сделал Трамп на этот счет, - рассказал Ушаков. - Мы готовы к проведению любых встреч, любых контактов, особенно на высшем уровне, они очень важны".

По его мнению, "всем выгодно, чтобы президенты двух ведущих стран сели спокойно поговорили по актуальным вопросам".

Ушаков также рассказал, что Путин и Помпео обсудили международную проблематику, в частности, вопросы стратегической стабильности и актуальные региональные проблемы - ситуацию вокруг Сирии, вокруг КНДР, Афганистан, Ливию, Иран, Венесуэлу.

Что касается КНДР, по словам Ушакова, северокорейским властям нужны международные гарантии безопасности в ответ на их шаги по денуклеаризации: "Мы вынесли из этой беседы, что американцы в принципе готовы продолжить работу с Пхеньяном, несмотря на сбой, который произошел в ходе последнего контакта Трампа с северокорейским лидером".

Говоря о ситуации в Афганистане, Ушаков подчеркнул, что Кремль настроен на более активное взаимодействие. "Наш президент заметил, что афганское урегулирование - это история довольно-таки тяжелая, процесс идет сложно, причем позиции "Талибана" (движение признано террористическим и запрещено в России. - Би-би-си) даже усиливаются", - рассказал представитель Кремля.

"Мы в сирийском контексте обсудили важность совместной борьбы с международным терроризмом", - добавил он.

О чем не говорили
Несмотря на широкое обсуждение международной проблематики, ситуацию на Украине Путин с Помпео не затронули.

"Украины не было. Вообще не было", - сказал Ушаков. Конфликт в районе Керченского пролива, когда российские пограничники захватили украинские корабли, стал поводом для отмены переговоров Трампа и Путина на саммите G20 в Аргентине в декабре.

Не говорили Путин и Помпео и о деле основателя фонда Baring Vostok, гражданина США Майкла Калви. Его и еще пятерых человек обвиняют в мошенничестве в особо крупном размере. По версии следствия, они похитили 2,5 млрд рублей (38,5 млн долларов) у банка "Восточный". Калви с середины февраля сидел в СИЗО, в начале апреля его перевели под домашний арест.

Friday, May 3, 2019

नवीन पटनायक क्या सबसे लंबे वक़्त तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे?

ओडिशा की राजनीति में नवीन पटनायक के उनके बीगल कुत्तों 'ब्रूनो' और 'रॉक्सी' के अलावा कोई दोस्त नहीं है. नवीन की ज़िंदगी में नाटकीयता के लिए कोई जगह नहीं है.

अच्छा भाषण देना उनके गुणों में शामिल नहीं है. अच्छा भाषण देना तो दूर वो अपने लोगों की भाषा तक नहीं बोल सकते हैं. उनके सभी भाषण उनके साथी 'रोमन स्क्रिप्ट' में तैयार करते हैं और वो उसे 'रोबोट' की तरह पढ़ भर देते हैं.

कई बार वो शब्दों का ग़लत उच्चारण करते हैं. लेकिन उनके लोग इससे नाराज़ होने के बजाए अपनी ख़ुशी का इज़हार करते हैं.

नवीन पटनायक की जीवनी लिखने वाले रूबेन बनर्जी बताते हैं, ''जब नवीन साल 2000 में ओडिशा विधानसभा का चुनाव लड़ने आए तो उन्हें उड़िया बोलनी नहीं आती थी, क्योंकि तब तक उन्होंने लगभग अपनी पूरी उम्र ओडिशा के बाहर बिताई थी. मुझे याद है वो अपने भाषण के शुरू में 'रोमन' में लिखी एक लाइन बोलते थे, 'मोते भॉलो उड़िया कॉहबा पाई टिके समय लगिबॉ.''

''लेकिन इसका उन्हें फ़ायदा हुआ. उस समय ओडिशा में राजनीतिक वर्ग इतना बदनाम हो चुका था कि लोगों को नवीन का उड़िया न बोल पाना अच्छा लग गया. लोगों ने सोचा कि इसमें और दूसरे राजनेताओं में फ़र्क है. ये ही हमें बचाएंगे. इसलिए उन्होंने नवीन को मौका देने का फ़ैसला किया.''

''नवीन अभी भी ढ़ंग से उड़िया नहीं बोल सकते, लेकिन उस समय उन्होंने लोगों से बिना उनकी ज़ुबान बोले जो संवाद स्थापित किया, वो अब भी बरकरार है. क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि ममता बनर्जी बांग्ला में बात किए बिना बंगाल के लोगों से वोट मांग सकती हैं? अब तो हालत ये है कि नवीन लोगों से उनकी भाषा में बात करें या अंग्रेज़ी में बात करें या फ़्रेंच भी बोलें तो भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता.''

नवीन पटनायक के ओडिशा में कई अंतर्विरोध हैं. इस राज्य में भारत के सबसे ग़रीब लोग रहते हैं. फिर भी आपको भुवनेश्वर, कटक और पुरी की सड़कों पर कुछ ही भिखारी दिखाई देंगे.

ओडिशा का साक्षरता प्रतिशत शायद भारत में सबसे कम है, लेकिन तब भी प्रतियोगात्मक परीक्षाओं में ओडिशा से निकलने वालों की तादाद भारत के अन्य इलाकों से ज़्यादा है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामले में भी ओडिशा की गिनती भारत के चोटी के राज्यों में नहीं होती फिर भी यहाँ के शहर अपेक्षाकृत साफ़ दिखाई देते हैं, जहाँ सड़कों पर नियम से झाड़ू दी जाती है और जहाँ भारत के अन्य हिस्सों की तरह नालियाँ बंद नहीं होतीं.

नवीन के बारे में मशहूर है कि वो शायद भारत के सबसे चुप रहने वाले राजनेता हैं जिन्हें शायद ही किसी ने ऊँची ज़ुबान में बात करते सुना है.

हाल ही में नवीन पटनायक की जीवनी लिखने वाले अंग्रेज़ी पत्रिका आउटलुक के संपादक रूबेन बनर्जी बताते हैं, ''आप उनसे मिलेंगे तो पाएंगे कि उन से बड़ा मृदु- भाषी, शिष्ट, संभ्रांत और कम बोलने वाला शख़्स हैं ही नहीं.. कभी कभी तो लगता है कि वो राजनेता हैं ही नहीं. लेकिन सच ये है कि भारत में उनसे बड़े राजनीतिज्ञ कम लोग हैं.''

''वो न सिर्फ़ राजनीतिज्ञ हैं बल्कि निर्मम राजनीतिज्ञ हैं. इस हद तक कि पहुंचे हुए राजनीतिज्ञ भी उनका मुक़ाबला नहीं कर सकते. कुछ लोग कहते हैं कि राजनीति उनकी रगों में है. लेकिन ये भी सच है कि अपने जीवन के शुरुआती 50 सालों में उन्होंने राजनीति की तरफ़ रुख़ नहीं किया. लेकिन एक बात पर सभी एकमत हैं कि नवीन बहुत चालाक हैं. ओडिशा में उनकी टक्कर का राजनेता दिखाई नहीं देता.''

नवीन पटनायक को राजनीति विरासत में मिली थी. उनके पिता बीजू पटनायक न सिर्फ़ ओडिशा के मुख्यमंत्री थे बल्कि जाने माने स्वतंत्रता सेनानी और पायलट थे. दूसरे विश्व युद्ध, इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संग्राम और 1947 में कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले के दौरान उनकी भूमिका को अभी तक याद किया जाता है.

बीजू पटनायक के जीवनीकार सुंदर गणेशन अपनी किताब 'द टॉल मैन' में लिखते हैं, ''बीजू पटनायक ने दिल्ली की सफ़दरजंग हवाई पट्टी से श्रीनगर के लिए अपने डकोटा डी सी-3 विमान से कई उड़ानें भरी थीं. 17 अक्तूबर 1947 को वो लेफ़्टिनेंट कर्नल देवान रंजीत राय के नेतृत्व में 1- सिख रेजिमेंट के 17 जवानों को ले कर श्रीनगर पहुंचे थे.''

''उन्होंने ये देखने के लिए कि हवाई पट्टी पर पाकिस्तानी सैनिकों का कब्ज़ा तो नहीं हो गया था, दो बार बहुत नीची उड़ान भरी थी. प्रधानमंत्री नेहरू की तरफ़ से उन्हें साफ़ निर्देश थे कि अगर उन्हें ये लगे कि हवाई पट्टी पर पाकिस्तान का नियंत्रण हो गया है तो वो वहाँ पर अपना विमान न उतारें.''

''बीजू पटनायक ने विमान को ज़मीन से कुछ ही मीटर ऊपर उड़ाते हुए देखा कि विमान पट्टी पर एक भी शख़्स मौजूद नहीं था. उन्होंने अपने विमान को नीचे उतारा और वहाँ पहुंचे 17 भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी हमलावरों को खदेड़ने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.''

एक बार उन्होंने बाकू, अज़ेरबैजान से उड़ान भर कर स्टेलिनग्राड में जर्मन सैनिकों से घिरे रूसी सैनिकों को हथियार पहुंचाए थे. उसी तरह 1942 में बर्मा में जापान के कब्ज़े के दौरान भारी बमबारी के बीच ब्रिटिश लोगों को वहाँ से बचा कर लाए थे. जब बीजू पटनायक का देहांत हुआ तो उनके ताबूत पर तीन देशों के झंडे लिपटे हुए थे - भारत, रूस और इंडोनेशिया.

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